Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुआ आतंकी हमला. जिसमें 28 लोगों की जान गई और 10 लोग घायल हुए. इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का अपना दौरा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटते ही कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CSS) की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. यह बैठक पीएम आवास पर आयोजित की गई. जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और अन्य शीर्ष अधिकारी शामिल हुए.
पहलगाम के बायसारन घाटी में हुए इस आतंकी हमले को लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रजिस्टेंट फ्रंट (TRF) ने अंजाम दिया. यह 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सबसे घातक हमला माना जा रहा है. सीसीएस की बैठक में इस हमले के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा हुई. जिसमें निम्नलिखित बिंदु शामिल थे.
सुरक्षा चूक की समीक्षा: हमले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में कमी. जैसे कि 1000-2000 पर्यटकों की भीड़ के लिए अपर्याप्त सुरक्षा बल, पर विचार किया गया.
आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई: खुफिया एजेंसियों ने हमले के मास्टरमाइंड सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद, एक लश्कर कमांडर, की पहचान की है. तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए गए हैं और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जांच सौंपी गई है.
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पाकिस्तान की भूमिका: हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की संलिप्तता पर चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार इस हमले को 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति और पर्यटन की प्रगति को बाधित करने की साजिश के रूप में देखा जा रहा है.
‘यह हमला न केवल कायराना है बल्कि भारत की प्रगति को रोकने की साजिश भी है.’ एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा. बैठक में पाकिस्तान को लेकर कठोर कूटनीतिक और सैन्य कदमों पर विचार किया गया.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हमले के तुरंत बाद श्रीनगर का दौरा किया. उन्होंने बायसारन घाटी में घटनास्थल का हवाई सर्वेक्षण किया. घायलों से अस्पताल में मुलाकात की और मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की. शाह ने ट्वीट कर कहा ‘पहलगाम के आतंकी हमले में अपनों को खोने का दर्द हर भारतीय को है. इन आतंकियों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा.’ श्रीनगर से लौटते ही वे सीसीएस बैठक में शामिल हुए. जहां उन्होंने सुरक्षा समीक्षा और आतंकियों के खिलाफ चल रहे अभियानों की जानकारी साझा की.
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