जापान के क्यूशू द्वीप पर 6.9 तीव्रता का भूकंप आया है. भूकंप के बाद जापान ने सुनामी का अलर्ट जारी किया है. अभी तक इस भूकंप से किसी तरह के नुकसान या लोगों के हताहत होने की कोई जानकारी नहीं आई है.
नई दिल्ली: जापान के क्यूशू द्वीप पर 6.9 की तीव्रता का एक भूकंप आया है, जिसके बाद सुनामी का खतरा जताते हुए जापान ने चेतावनी जारी की है. यह इस साल का दूसरा बड़ा भूकंप है. इससे पहले तिब्बत में भी एक विनाशकारी भूकंप आया था. जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. फिलहाल, भूकंप से संबंधित किसी भी प्रकार के नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं आई है.
7 जनवरी को तिब्बत में 7.1 तीव्रता का एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिसने बहुत नुकसान किया। इस भूकंप में 126 लोगों की जान चली गई और 188 लोग घायल हो गए। लगभग 30,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया। शिगात्से में अकेले 3,609 इमारतें गिर गईं। यह भूकंप तिब्बत के डिंगरी काउंटी में आया था। तिब्बत का बुनियादी ढांचा भी बुरी तरह प्रभावित हुआ था। कई लोग लापता हो गए और भूकंप के झटके तिब्बत के अलावा नेपाल, भूटान और उत्तरी भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए थे।
जापान प्रशांत महासागर के किनारे स्थित है और यहां टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती रहती हैं। इसे ‘रिंग ऑफ फायर’ कहा जाता है, जो पृथ्वी का सबसे सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखीय क्षेत्र है। इन प्लेटों के टकराने के कारण यहां लगातार भूकंप आते हैं।
जापान में भूकंप का इतिहास बहुत ही भयावह रहा है। 2004 में आए भूकंप और उसके बाद आई सुनामी ने हजारों लोगों की जान ले ली थी। इस आपदा ने न केवल जापान बल्कि पूरी दुनिया को गहरे सदमे में डाल दिया था।
भूकंप के प्रभाव से बचने के लिए जापान में अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है। यहां घरों की नींव लचीली बनाई जाती है, जो भूकंप के झटकों को सहने में मदद करती है। इससे घरों पर भूकंप का असर कम होता है। इसके अलावा, जापान में इमारतों की डिजाइन भी इस तरह की जाती है कि वे भूकंप के झटकों को झेल सकें। कई बार ऐसी इमारतें झूलती हुई दिखाई देती हैं, और इस प्रकार के दृश्य अक्सर वीडियो में देखे जाते हैं।
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