नई दिल्ली। इजरायल के वेस्ट बैंक के जेनिन क्षेत्र में 21 मई 2025 को विदेशी राजनयिकों के एक प्रतिनिधिमंडल पर इजरायली सैनिकों ने चेतावनी भरी गोलीबारी की, जिसपर अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, तुर्किये, मिस्र और अन्य देशों ने इस घटना की निंदा करते हुए तत्काल जांच और जवाबदेही की मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 30 देशों का यह प्रतिनिधिमंडल जेनिन शरणार्थी शिविर में मानवीय स्थिति का जायजा लेने आया था। इस प्रतिनिधिमंडल में ब्रिटेन, फ्रांस, कनाडा, चीन, मिस्र, जॉर्डन, तुर्किये और रूस समेत 20 से ज्यादा देशों के राजनयिक शामिल थे। इस बीच जब प्रतिनिधिमंडल संवेदनशील इलाके में पहुंचा तो इजरायली सैनिकों ने हवा में गोलियां चलानी शुरू कर दीं, जिससे प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भयभीत होकर सुरक्षित स्थान की ओर भागने लगे।
इजरायल की सेना ने इस घटना पर बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि प्रतिनिधिमंडल तयशुदा मार्ग से हटकर प्रतिबंधित क्षेत्र में पहुंच गया था, इसलिए सैनिकों ने चेतावनी देने के लिए हवा में गोलियां चलाईं। इजरायल की सेना ने यह भी कहा कि किसी को कोई चोट नहीं आई और इस असुविधा के लिए उसने खेद भी जताया है।
वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने इस घटना को अस्वीकार्य बताया है। उन्होंने कहा कि राजनयिकों की सुरक्षा हर हाल में सुनिश्चित की जानी चाहिए। यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख काजा कैलास ने इजरायल से दोषियों को सजा देने की मांग की है। उधर, फ्रांस, इटली, स्पेन, पुर्तगाल और तुर्किये ने इजरायली राजदूतों को तलब कर इस घटना पर स्पष्टीकरण मांगा है।
उधर, फिलिस्तीनी विदेश मंत्रालय के राजनीतिक सलाहकार अहमद अल-दीक, जो घटना के वक्त प्रतिनिधिमंडल के साथ थे, उन्होंने इसे इजरायली सेना की लापरवाही का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि इस घटना ने प्रतिनिधिमंडल को फिलिस्तीनी जनता की जिंदगी की असली झलक दिखा दी है।
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