• होम
  • Breaking News Ticker
  • 26/11 के आतंकी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की बढ़ी मुश्किलें, NIA कोर्ट ने 12 दिन के लिए हिरासत बढ़ाई!

26/11 के आतंकी हमले के साजिशकर्ता तहव्वुर राणा की बढ़ी मुश्किलें, NIA कोर्ट ने 12 दिन के लिए हिरासत बढ़ाई!

26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. दिल्ली की विशेष NIA कोर्ट ने राणा की हिरासत को 12 दिन के लिए और बढ़ा दिया है. यह फैसला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से की गई गहन पूछताछ और जांच के महत्वपूर्ण चरण को देखते हुए लिया गया है. राणा को 10 अप्रैल 2025 को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था और तब से वह NIA की हिरासत में है.

तहव्वुर राणा
inkhbar News
  • April 28, 2025 4:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 weeks ago
Mumbai Attack: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के प्रमुख साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. दिल्ली की विशेष NIA कोर्ट ने राणा की हिरासत को 12 दिन के लिए और बढ़ा दिया है. यह फैसला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से की गई गहन पूछताछ और जांच के महत्वपूर्ण चरण को देखते हुए लिया गया है. राणा को 10 अप्रैल 2025 को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित किया गया था और तब से वह NIA की हिरासत में है.

हिरासत बढ़ाने का कारण

NIA ने कोर्ट को बताया कि तहव्वुर राणा से पूछताछ अभी अधूरी है और जांच एक संवेदनशील मोड़ पर है. एजेंसी का कहना है कि राणा ने 2008 के मुंबई हमलों की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी. जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे. NIA के अनुसार राणा ने अपने करीबी सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर इस आतंकी हमले की योजना बनाई थी. हेडली ने भारत आने से पहले राणा को पूरी साजिश की जानकारी दी थी और दोनों ने लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया.

NIA ने कोर्ट में दलील दी कि राणा से पूछताछ के दौरान कई नए तथ्य सामने आए हैं. जिनमें एक ‘दुबई मैन’ का जिक्र शामिल है. जिसे हमले की योजना की पूरी जानकारी थी. इसके अलावा राणा के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से कथित संबंधों की भी जांच की जा रही है. NIA को शक है कि राणा अब भी महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रहा है और अतिरिक्त हिरासत से जांच को गति मिलेगी.

कोर्ट का सख्त रुख

विशेष NIA कोर्ट ने राणा की हिरासत को 12 दिन के लिए बढ़ाने का आदेश देते हुए कहा ‘जांच एजेंसी को निष्पक्ष और गहन जांच का पूरा मौका मिलना चाहिए. खासकर क्योंकि यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है.’ कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि राणा की हर 48 घंटे में मेडिकल जांच की जाए और उसे कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाए.

राणा का असहयोग

NIA के सूत्रों के अनुसार राणा जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और सवालों के जवाब में गोलमोल बातें कर रहा है. मुंबई पुलिस और NIA की संयुक्त पूछताछ में भी राणा ने कोई ठोस जानकारी नहीं दी. एजेंसी अब राणा के वॉयस सैंपल लेने की योजना बना रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वह हमले के दौरान फोन पर निर्देश दे रहा था. यदि राणा वॉयस सैंपल देने से इनकार करता है तो NIA कोर्ट से इसकी अनुमति मांग सकती है.

26/11 हमले का काला अध्याय

26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में समुद्री रास्ते से घुसपैठ की थी. इन आतंकियों ने ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफे और नरीमन हाउस जैसे प्रमुख स्थानों पर हमला किया था. 60 घंटे तक चले इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने हेडली को फर्जी वीजा और अन्य लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की थी. जिससे हमले की रेकी और योजना बनाना संभव हुआ.

यह भी पढे़ं- भारत और पाकिस्तान में टकराव… किसकी सेना ज़्यादा ताकतवर? अगर युद्ध हुआ तो कौन जीतेगा?