NIA ने कोर्ट को बताया कि तहव्वुर राणा से पूछताछ अभी अधूरी है और जांच एक संवेदनशील मोड़ पर है. एजेंसी का कहना है कि राणा ने 2008 के मुंबई हमलों की साजिश में अहम भूमिका निभाई थी. जिसमें 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे. NIA के अनुसार राणा ने अपने करीबी सहयोगी डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर इस आतंकी हमले की योजना बनाई थी. हेडली ने भारत आने से पहले राणा को पूरी साजिश की जानकारी दी थी और दोनों ने लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के साथ मिलकर इस हमले को अंजाम दिया.
#WATCH 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत द्वारा उसकी हिरासत 12 दिनों के लिए बढ़ाए जाने के बाद दिल्ली स्थित एनआईए मुख्यालय ले जाया गया। pic.twitter.com/TfBfKBGflX
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NIA ने कोर्ट में दलील दी कि राणा से पूछताछ के दौरान कई नए तथ्य सामने आए हैं. जिनमें एक ‘दुबई मैन’ का जिक्र शामिल है. जिसे हमले की योजना की पूरी जानकारी थी. इसके अलावा राणा के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से कथित संबंधों की भी जांच की जा रही है. NIA को शक है कि राणा अब भी महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रहा है और अतिरिक्त हिरासत से जांच को गति मिलेगी.
विशेष NIA कोर्ट ने राणा की हिरासत को 12 दिन के लिए बढ़ाने का आदेश देते हुए कहा ‘जांच एजेंसी को निष्पक्ष और गहन जांच का पूरा मौका मिलना चाहिए. खासकर क्योंकि यह मामला देश की सुरक्षा से जुड़ा है.’ कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि राणा की हर 48 घंटे में मेडिकल जांच की जाए और उसे कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जाए.
#WATCH दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) अदालत ने 26/11 आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की हिरासत 12 दिन के लिए बढ़ा दी है।
(पटियाला हाउस कोर्ट से वीडियो) pic.twitter.com/REsj1Ryieo
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NIA के सूत्रों के अनुसार राणा जांच में सहयोग नहीं कर रहा है और सवालों के जवाब में गोलमोल बातें कर रहा है. मुंबई पुलिस और NIA की संयुक्त पूछताछ में भी राणा ने कोई ठोस जानकारी नहीं दी. एजेंसी अब राणा के वॉयस सैंपल लेने की योजना बना रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वह हमले के दौरान फोन पर निर्देश दे रहा था. यदि राणा वॉयस सैंपल देने से इनकार करता है तो NIA कोर्ट से इसकी अनुमति मांग सकती है.
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में समुद्री रास्ते से घुसपैठ की थी. इन आतंकियों ने ताज होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफे और नरीमन हाउस जैसे प्रमुख स्थानों पर हमला किया था. 60 घंटे तक चले इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था. तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने हेडली को फर्जी वीजा और अन्य लॉजिस्टिक सहायता प्रदान की थी. जिससे हमले की रेकी और योजना बनाना संभव हुआ.
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