हर दिन नए-नए भोजपुरी गाने रिलीज होते हैं, जो वायरल भी हो जाते हैं, लेकिन उनमें अश्लीलता की मौजूदगी पर सवाल उठते रहते हैं। इस मुद्दे पर जानी-मानी सिंगर कल्पना पटवारी ने अपनी राय रखी है। उन्होंने कहा, "मेरे चाहने से क्या होता है...
पटना: भोजपुरी सिनेमा के सितारों की पॉपुलैरिटी आज देशभर में बढ़ रही है, लेकिन इसी के साथ इन गानों में अश्लीलता को लेकर कलाकारों को अक्सर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ता है। हर दिन नए-नए भोजपुरी गाने रिलीज होते हैं, जो वायरल भी हो जाते हैं, लेकिन उनमें अश्लीलता की मौजूदगी पर सवाल उठते रहते हैं। इस मुद्दे पर जानी-मानी सिंगर कल्पना पटवारी ने अपनी राय रखी है।
हाल ही में एक इंटरव्यू में जब कल्पना पटवारी से भोजपुरी गानों में अश्लीलता पर उनकी राय पूछी गई, तो उन्होंने कहा, “मेरे चाहने से क्या होता है। हर किसी की अपनी जिंदगी है। अगर किसी को खाने को पैसा नहीं है, तो वो जो कर रहा है, उसे करने दीजिए। लेकिन अगर इस समस्या को सही तरीके से हल करना है, तो पहले बड़े आयोजनों, जैसे सोनपुर मेले के थिएटर में चलने वाले कार्यक्रमों पर ध्यान दिया जाना चाहिए।”
कल्पना ने आगे कहा, “अश्लीलता को लेकर मुझसे सवाल किए जाते हैं, जबकि बगल के पंडाल में अश्लील डांस चल रहा होता है। यह डबल स्टैंडर्ड है। पहले ऐसे आयोजनों की स्थिति सुधारी जाए। सोनपुर मेला एशिया का बड़ा मेला है। यहां संस्कृति और परंपरा से जुड़े कार्यक्रम होने चाहिए, ताकि हम अपनी भाषा और संस्कृति का सही परिचय दे सकें।”
कल्पना पटवारी भोजपुरी के साथ-साथ हिंदी, मराठी, तमिल और बंगाली भाषाओं में भी अपनी आवाज का जादू बिखेर चुकी हैं। उन्होंने 2003 में भोजपुरी इंडस्ट्री में कदम रखा। उनका पहला गाना ‘ऐ गणेश के पापा’ था, जिसे काफी पसंद किया गया। असम की रहने वाली कल्पना ने असमिया भाषा में भी कई गाने गाए हैं और वह भारतीय संगीत जगत का जाना-पहचाना नाम हैं। वहीं कल्पना पटवारी का मानना है कि अश्लीलता केवल गानों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज की सोच में बदलाव का भी विषय है। अगर गानों में अश्लीलता कम करनी है, तो इसके लिए समाज और कलाकारों को मिलकर प्रयास करना होगा।
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