Inkhabar Hindi News

खाने से लेकर इतिहास तक,जानें मुगल खाने की खासियत

भारत के इतिहास में मुगल साम्राज्य ने न सिर्फ अपनी वास्तुकला और संस्कृति की गहरी छाप छोड़ी, बल्कि उन्होंने भारतीय खान-पान को भी एक नया आयाम दिया।

मुगलों ने मध्य एशिया और फारसी व्यंजनों को भारतीय मसालों के साथ मिलाकर एक अनूठी और स्वादिष्ट पाक-शैली को जन्म दिया, जिसे हम मुगलई व्यंजन के नाम से जानते हैं।

मुगलई व्यंजन अक्सर अपनी समृद्ध ग्रेवी के लिए जाने जाते हैं, जिसमें क्रीम, दही, काजू, बादाम और केसर जैसी सामग्री का इस्तेमाल होता है।

इनमें खुशबूदार मसालों का उपयोग भी भरपूर मात्रा में किया जाता है।यहाँ तरह-तरह की शाही मिठाइयाँ भी बनाई जाती थीं, जैसे फिरनी, शाही टुकड़ा और गुलाब जामुन, जो आज भी लोकप्रिय हैं।

मुगलई रसोई में माँसाहारी व्यंजनों का बोलबाला रहा है। मटन, चिकन और मछली का इस्तेमाल प्रमुखता से होता था।

मुगलों की रसोई सिर्फ़ मुख्य व्यंजनों तक ही सीमित नहीं थी। यहाँ तरह-तरह की शाही मिठाइयाँ भी बनाई जाती थीं, जैसे फिरनी, शाही टुकड़ा और गुलाब जामुन, जो आज भी लोकप्रिय हैं।

आज भी, आधुनिक भारतीय रेस्टोरेंट और घरों में विशेष अवसरों पर मुगलई व्यंजन जैसे बिरयानी, कबाब, कोरमा, और शाही पनीर बनाए जाते हैं, जो उस शाही दौर की याद दिलाते हैं।

Read More